नाथूराम विनायक गोडसे वाक्य
उच्चारण: [ naathuraam vinaayek gaodes ]
उदाहरण वाक्य
- , 12 4 नाथूराम विनायक गोडसे
- नाथूराम विनायक गोडसे (← लिंक)
- बाद में ये नाथूराम विनायक गोडसे के नाम से प्रसिद्ध हुए।
- बैठे हुए: नारायण आप्टे, वीर सावरकर, नाथूराम विनायक गोडसे, विष्णु रामकृष्ण करकरे
- संपादक का नाम था नाथूराम विनायक गोडसे, जिस पर आरोप था साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने का।
- गाँधी अहिंसा अपनाने को तो कहते थे पर सिर्फ हिन्दुओ से उनके इन्ही दोहरे मापदंडो के कारन दुखी होकर “ नाथूराम विनायक गोडसे ” ने उनकी हिंसात्मक म्रत्यु कर दी
- नाथूराम विनायक गोडसे या मोहन दास करमचंद गांधी, इन दोनों में से महात्मा किसे कहना चाहिए और जिसे भी कहें उसे क्यूँ कहना चाहिए? स्वाभाविक ही जिसके कार्य महात्...
- अपने अन्तिम शब्दों में “ नाथूराम विनायक गोडसे ” ने कहा था: “ यदि अपने देश और धर्म के प्रति भक्तिभाव रखना कोई पाप है तो मैंने वह पाप किया है और यदि यह पुण्य है तो उसके द्वारा अर्जित पुण्य पद पर मैं अपना नम्र अधिकार व्यक्त करता हूँ ”
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